The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

Your browser isn’t supported anymore. Update it to find the greatest YouTube expertise and our most up-to-date characteristics. Learn more

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास shiv chalisa lyricsl को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

पाठ Shiv chaisa करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *